हाल ही में चर्चा में क्यों:-
- हाल ही में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा यह जानकारी दी गई है कि मानव अंतरिक्षयान गगनयान को दूसरे मानव रहित मिशन जिसे वर्ष 2022-23 में लॉन्च किया जाना है। भारत अपना पहला अंतरिक्ष स्टेशन 2030 तक बना लेगा।
- यह मिशन तीन चरणों में पूरा जाएगा
- शुरुआत में 10,000 करोड़ रुपए की लागत वाले गगनयान मिशन के लक्ष्य के तहत वर्ष 2022 तक पूरा किया जाएगा।
- इस गगनयान मिशन में 3 अंतरिक्ष यात्री जाएंगे , जिस में से 2 पुरुष और 1 महिला होगी। यह मिशन में पाँच से सात दिनों के लिये अंतरिक्ष में भेजने की परिकल्पना की गई।
|
Gaganyaan mission launch - 2023 |
महत्वपूर्ण तथ्य गगनयान के बारे में:-
- यह मिशन की परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2018 को लालकिले से की थी , जोकि यह भारत का पहला गगनयान-भारत का पहला मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम’ होगा। इसी संदर्भ में इसरो के अध्यक्ष डॉ. के. शिवान ने कहा कि इसरो इस कार्य को तय समयावधि में पूरा करने में सक्षम है।
- गगनयान भारतीय अनुसंधान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (ISRO ) का एक मिशन है।
- इस तीन मिशन में दो मानवरहित , और एक मानव युक्त मिशन होगा। यह मिशन साइंस और टेक्नोलॉजी के सत्तर को बढ़ाने में मदद करेगा।
- इस मिशन का नाम इंडियन ह्यूमन स्पेसफ़्लाइट प्रोग्राम है। इसे ऑर्बिटल मोडूयल कहा जाता है। इसमें 1 महिला सहित 3 अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा जाएगा।
- गगनयान मिशन 5 से 7 दिनों के लिए पृथ्वी से 300 - 400 KM की ऊंचाई तक जाएगा। ये मध्यम अर्थ ऑर्बिट में चक्कर लगाएगा।
- इसकी लॉन्चिंग GSLV Mk III से की जाएगी। यह एक लॉचिंग व्हीकल मार्क - 3 भी कहा जाता है। इससे भारी उपग्रहों की लॉन्चिंग की जाती है।
- मिशन का उद्देश्य पाँच से सात वर्षों के लिये अंतरिक्ष में तीन सदस्यों का एक दल भेजना है।
- शुरुआत में 10,000 करोड़ रुपए की लागत वाले गगनयान मिशन के लक्ष्य के तहत वर्ष 2022 तक पूरा किया जाएगा।
- इस कार्यक्रम के साथ भारत मानव अंतरिक्ष यान मिशन शुरू करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। उल्लेखनीय है कि अब तक केवल अमेरिका, रूस और चीन ने मानव अंतरिक्ष यान मिशन शुरू किया है।
गगनयान कार्यक्रम की वर्तमान स्थिति इस प्रकार है:-
- अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण सुविधा बेंगलुरु में स्थापित हो रही है और पूरा होने के अग्रिम चरण में है। प्रशिक्षण के भारतीय चरण के भाग के रूप में बुनियादी हवाई चिकित्सा प्रशिक्षण और उड़ान अभ्यास पूरा किया गया।
- गगनयान की पूरी व्यवस्था की डिजाइन तैयार की गई है। विभिन्न प्रणालियों का पुनर्वितरण प्रगति के विभिन्न चरणों में है। मानव रेटेड लॉन्च वाहन प्रणोदन चरणों के जमीनी योग्यता परीक्षण पहले ही शुरू हो चुके हैं और सफलतापूर्वक प्रगति कर रहे हैं।
- ग्राउंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के विन्यास और डिजाइन को मजबूत किया गया है और आवश्यक संशोधनों को लागू किया जा रहा है।
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों एजेंसियों के साथ समझौता ज्ञापन, अनुबंध और कार्यान्वयन समझौता (आईए) की गतिविधियां अच्छी तरह से प्रगति कर रही हैं। स्पेस सूट, क्रू सीयर और व्यू पोर्ट के लिए मेसर्स ग्लावकोमोस (रूसी अंतरिक्ष एजेंसी) के साथ अनुबंध के खिलाफ विचार-विमर्श की प्राप्ति शुरू हो गई है। साथ ही सीएनईएस (फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी) आईए के विभिन्न कार्यों के तहत डिलिवरेबल्स की प्राप्ति शुरू हो गई है।
- माइक्रोग्रैविटी प्रयोग के विकास से संबंधित गतिविधियां शुरू हो गई हैं, समीक्षाधीन प्रयोगों के लिए वैचारिक डिजाइन।
गगनयान उद्देश्य और लाभ:-
- इससे देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के स्तर में वृद्धि होगी।
- यह एक राष्ट्रीय परियोजना है, जिसमें कई संस्थान, अकादमिक और उद्योग शामिल हैं।
- यह औद्योगिक विकास में सुधार तथा युवाओं के लिये प्रेरणास्रोत साबित होगा।
- इससे सामाजिक लाभ के लिये प्रौद्योगिकी का विकास तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में सुधार होगा।
- सरकार ने अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी भागीदारी को बढ़ाने हेतु किये जा रहे सुधारों के क्रम में हाल ही में एक नए संगठन IN-SPACE के गठन की घोषणा की है।
- यह देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के स्तर को बढ़ाने तथा युवाओं को प्रेरित करने में मदद करेगा।
भारत की आने वाली परियोजना :-
- भारत अपना पहला अंतरिक्ष स्टेशन 2030 तक बना लेगा।
- शुक्रयान मिशन (Shukrayaan Mission): इसरो शुक्र ग्रह हेतु भी एक मिशन की योजना बना रहा है, जिसे शुक्रयान नाम दिया गया है।
- चंद्रयान- 3 मिशन: भारत ने एक नए चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की योजना बनाई है जिसे वर्ष 2021 में लॉन्च किये जाने की संभावना है।