अब्राहम एकॉर्ड :-
इजराइल , UAE और बहरीन के बीच हुआ एक शांति समझौता है , जो अमेरिका के द्वारा हुआ था। जिसे अब्राहम एकॉर्ड ( Abraham accord ) कहा है।
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महत्वपूर्ण तथ्य:-
- अब्राहम एकॉर्ड पिछले 26 सालों बाद अरब देशों के बीच हुआ एक शांति समझौता है।
- गौरतलब है कि इससे पहले वर्ष 1994 में इज़राइल और जॉर्डन के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे।
- ध्यातव्य है कि 13 अगस्त, 2020 को इज़राइल-यूएई शांति समझौते की घोषणा के बाद 11 सितंबर को बहरीन-इज़राइल समझौते की घोषणा की गई थी।
- अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा करवाया गया यह शांति समझौता अरब देशो में शांति एक नयी नींव डालेंगा।
Abraham accord |
इज़राइल-संयुक्त अरब अमीरात और इज़राइल-बहरीन शांति समझौता:-
- संयुक्त अरब अमीरात द्वारा इजराइल एक देश के रूप में मान्यता देना।
- इस समझौते के अनुसार, यूएई और बहरीन द्वारा इज़राइल में अपने दूतावास स्थापित करने के साथ पर्यटन, व्यापार, स्वास्थ्य और सुरक्षा सहित कई क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
- डोनाल्ड ट्रम्प के अनुसार, इस समझौते के माध्यम से पूरी दुनिया के मुसलमानों के लिये इज़राइल में ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करने और जेरूसलम में अल-अक्सा मस्जिद (इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल) में शांतिपूर्वक प्रार्थना भी सकेंगे।
- इज़राइल के प्रधानमंत्री के अनुसार, तीनों देशों द्वारा कोरोनावायरस की महामारी से निपटने के लिये सहयोग प्रारंभ करेगें
- USA - UAE के बीच F - 35 लड़ाकू विमान तथा ड्रोन का 23 बिलियन डॉलर का व्यपार हुआ।
- यूएई के विदेश मंत्री ने इस समझौते को क्षेत्र की शांति के लिये महत्त्वपूर्ण बताया है, उनहोंने कहा कि यह समझौता राजनीतिक लाभ की भावना से परे है और शांति के अलावा और कोई भी विकल्प विनाश, गरीबी और मानव पीड़ा को ही बढ़ावा देगा।
भारत पर प्रभाव:-
- इस समझौते से खाड़ी क्षेत्र के देशों में भारत की राजनीतिक पकड़ और अधिक मज़बूत होगी।
- हाल के वर्षों में भारत और खाड़ी के देशों के संबंधों में बहुत सुधार देखने को मिला है, साथ ही इज़राइल के साथ भी रक्षा सहित कई अन्य क्षेत्रों में भारत ने बड़ी साझेदारी की है।
हाल ही में सुर्खियों में क्यों
3 दिसंबर , 2021 को USA - UAE डील को अब जाकर तोड़ दिया और फ्रांस से व्यपार के लिए हाथ बड़ा दिया। जिसमे फ्रांस ने 19 बिलियन डॉलर में 80 राफेल विमान में व्यपार समझौता हुआ है।